अमृतसर भारत के पंजाब राज्य का दूसरा सबसे बड़ा नगर है, तथा इसका ऐतिहासिक नाम रामदासपुर है। अमृतसर को ‘पंजाब का दिल’ भी कहा जाता है। अमृतसर महर्षि वाल्मिकी के आश्रम का स्थान है,
जहाँ सीता ने अपने जुड़वां बच्चों लव और कुश को जन्म दिया था। अमृतसर का स्वर्ण मंदिर देश में ही नहीं विदेश में भी काफी प्रसिद्ध है, जो अमृतसर को और प्रसिद्ध बनता है, तो चलिए विस्तार से जानते हैं – Amritsar Me Ghumne Ki Jagah के बारे मे !!
यदि आप धार्मिक स्थल के साथ-साथ ऐतिहासिक स्थल घूमने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए अमृतसर एक बेस्ट प्लेस है। तो चलिए दोस्तों बिना किसी देरी के आपको अमृतसर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के बारे में बताते हैं।
अमृतसर घूमने का खर्च | लगभग 20,000 से 25,000 रुपये |
अमृतसर घूमने के लिए सबसे अच्छा समय | अक्टूबर से मार्च के बीच |
यात्रा के दौरान ले जाने वाली जरूरी चीज़े–
यात्रा के दौरान साथ ले जाने वाली जरूरी चीज़े | 1 – फ़ोन, चार्जर या पावर बैंक। 2 – मोबाइल मे Google Map डाउनलोड करें। 3 – टिफिन बॉक्स और पानी की बोतल। 4 – धूप के चश्मे, टॉर्च लाइट और घड़ी। |
चिकित्सा किट | 1 – सर्दी के लिए कुछ दवाएँ। 2 – दर्द की दवाएँ। 3 – पेट दर्द की दवाएँ। 4 – पट्टियाँ। 5 – एंटीसेप्टिक क्रीम। 6 – गैस्ट्रिक गोलियाँ। |
खाने पीने की चीज़े | 1 – टी बैग। 2 – ड्राई फ्रूट्स। 3 – चॉकलेट। 4 – बिस्कुट, नमकीन। 5 – सैंडविच। |
फोटोग्राफी के लिए जरूरी चीज़े | 1 – कैमरा, कैमर चार्जर, तार और बैटरियां। 2 – पावर बैंक (कैमरा चार्ज करने के लिए) 3 – सेल्फी स्टिक। 4 – कैमरा लेंस का एक सेट। 5 – फ़िल्टर सेट। |
पहचान पत्र तथा जरूरी कागजात | 1 – टिकट, मतदाता पहचान पत्र, आदि (पासपोर्ट यदि जरूरी हो तो)। 2 – यात्रा कार्यक्रम की एक फोटोकॉपी। 3 – आपकी यात्रा (उड़ान),होटल और सेवा बुकिंग की पर्ची। |
Amritsar Me Ghumne Ki Jagah-
❣ गोल्डन टेंपल – Golden Temple ❣ पुल कंजरी – Pul Kanjri ❣ खैरुद्दीन मस्जिद – Masjid Khairuddin ❣ गोबिंदगढ़ किला – Gobindgarh Fort ❣ महाराजा रणजीत सिंह म्यूज़ियम – Maharaja Ranjit Singh Museum ❣ बार मेमोरियल एंड म्यूजियम – Bar Memorial and Museum ❣ तरनतारन साहिब – Tarn Taran Sahib ❣ श्री दुर्गियाना मंदिर – Sri Durgiana Temple ❣ जलियावाला बाग – Jallianwala Bagh ❣ वाघा बॉर्डर – Wagah Border |
1. गोल्डन टेंपल – Golden Temple
यह स्वर्ण मंदिर (गोल्डन टेंपल) अमृतसर में स्थित है। यह सिखों का प्रमुख गुरुद्वारा है। अमृतसर शहर स्वर्ण मंदिर के चारों तरफ स्थित है। यह गुरुद्वारा पानी के बीच तैरता हुआ दिखाई देता है। यह सिख धर्म के लिए बहुत पवित्र जगह है।
यहाँ पर प्रवेश करने के लिए सर पर दुपट्टा तथा कपड़ा होना अनिवार्य है। इस मंदिर में आने वाले पर्यटकों को तथा श्रद्धालुओं के लिए खाने बनाने की व्यवस्था मंदिर में ही की जाती है। इस गुरुद्वारे में 24 घंटे लंगर चलता रहता है। बताया जाता है कि तकरीबन 40000 लोग रोज इस लंगर में खाना खाते हैं।
खाने के साथ साथ इस गुरुद्वारे में ठहरने की भी व्यवस्था है। रात गुजारने के लिए गद्दे तथा भी मिल जाते हैं। एक व्यक्ति तीन दिन तक यहाँ पर आसानी से रुक सकता है गुरुद्वारे में चार दरवाजे हैं जो चारों दिशाओं में खुलते हैं इस गुरुद्वारे में सभी धर्म के लोग आ जा सकते हैं तथा देखने भी आते हैं
2. पुल कंजरी – Pul Kanjri
अमृतसर से 35 किलोमीटर की दूरी पर पुल कंजरी है, जो कि एक ऐतिहासिक गांव है। यह यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट और अमृतसर के टॉप हैरिटेज प्लेसिस में से एक है। कंजरी महाराजा रणजीत सिंह द्वारा बनवाया गया था।
यह उनके आराम करने का स्थल और एक महत्वपूर्ण व्यापार केंद्र भी रहा है। यहाँ पर एक पूल, एक मंदिर, एक गुरुद्वार और एक मस्जिद भी बनी हुई है। भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान जो जवान शहीद हुए थे, उनके लिए यहाँ पर एक स्मारक भी बनाई हुई है।
3. खैरुद्दीन मस्जिद – Masjid Khairuddin
अमृतसर में बनी खैरुद्दीन मस्जिद, जिसे जामा मस्जिद के नाम से जाना जाता है। खैरुद्दीन मस्जिद अपनी समृद्ध वास्तु शैली का नमूना है। यह मस्जिद हिंदू, मुस्लिम, सिख और इसाई भाईचारे का जीता-जागता सबूत भी है।
हर शुक्रवार को जब भरी तादात में लोग नमाज पढ़ने आते हैं, तो यहाँ पर हिंदू तथा सिख धर्म के लोग उनकी सेवा में काम करते हैं। उसी के साथ इस मस्जिद की वास्तुकला भी देखने लायक है।
4. गोबिंदगढ़ किला – Gobindgarh Fort
गोबिंदगढ़ किले को पहले गुर्जर सिंह किले के नाम से भी जाना जाता था। महाराजा रणजीत सिंह ने 1805 में इसे जीता, और इसका नाम गोबिंदगढ़ किला रखा।
इस किले को ब्रिटिश सरकार ने 1849 में कब्जा कर लिया था, और लगभग डेढ़ सौ सालों तक इनके कब्जे में रहा। अमृतसर का यह किला कोहिनूर हीरे का घर भी रह चुका है।
5. महाराजा रणजीत सिंह म्यूज़ियम – Maharaja Ranjit Singh Museum
महाराजा रणजीत सिंह म्यूजियम रामबाग के सुंदर उद्यानो के बीचों-बीच बीच बनाया गया, और पंजाब के सबसे बेहतरीन म्यूजियम में से एक है। यहाँ पर आप महाराजा रणजीत सिंह के बारे में बहुत कुछ करीब से जान सकते हैं।
यहाँ पर उनके कई सारे हथिया, कवच, सुंदर पेंटिंग, सदियों पुराने सिक्के रखे गये हैं। यहाँ की गैलरी में कई सारी पेंटिंग्स रखी है, जिसमें महाराजा रणजीत सिंह के दरबार और शिविर को देखा जा सकता है।
6. बार मेमोरियल एंड म्यूजियम – Bar Memorial and Museum
अमृतसर से 10 किलोमीटर दूर यह म्यूजियम अटारी रोड वाघा बॉर्डर के पास पड़ता है। यह म्यूजियम 130 करोड़ की लागत में बनाया गया था, और 2016 को इसका उद्घाटन किया गया। यह म्यूजियम जवानों की
बहादुरी को अमर करने और देश भर में सारे युवाओं में देशभक्ति को प्रेरित करने के लिए बनवाया गया है। यहाँ पर स्टेनलेस स्टील की 140 फिट की ऊंची तलवार बनाई गई है, जो कि म्यूजियम की बिल्कुल इंटरेस्ट पर देखी जा सकती है।
7. तरनतारन साहिब – Tarn Taran Sahib
अमृतसर से 22 किलोमीटर की दूरी पर तरनतारन साहिब पड़ता है, जो कि एक सिख तीर्थ स्थल है। यह तीर्थ स्थल पूरे भारत में मशहूर है, और अमृतसर के सबसे जानी-मानी जगह में से एक है।
तरनतारन एक छोटा सा शहर है, जो कि 1590 में स्थापित किया गया था। यहाँ का गुरुद्वारा बहुत मशहूर है, जो कि तीन मंजिला ऊंचा है, और बहुत ही सुंदर ढंग से बनाया गया है।
8. श्री दुर्गियाना मंदिर – Sri Durgiana Temple
दुर्गियाना मंदिर माता दुर्गा को समर्पित है। यह काफी हद तक गोल्डन टेम्पल जैसा ही दिखाई देता है। इसे लक्ष्मीनारायण टेम्पल, शीतला देवी टेम्पर के नाम से भी जाना जाता है।
इस मंदिर को सोलवीं शताब्दी में कपूर जी ने गोल्डन टेम्पल के आर्किटेक्चर स्टाइल में बनवाया था। इस मंदिर में रात में बहुत से रोशनी की जाती है, जिसकी वजह से पूरा मंदिर जगमगा उठता है, तथा यह नजारा पर्यटकों को काफी पसंद आता है।
9. जलियावाला बाग – Jallianwala Bagh
अमृतसर में स्वर्ण मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित जलियांवाला बाग है। इस पार्क को लोग भारी तादाद में देखने आते हैं। यहाँ पर मासूमों का कत्ल हुआ था। अंग्रेजों ने भारतीयों पर इस बाग में बहुत गोली चलाई थी। इसलिए इस बाग को बहुत से लोग देखने आते हैं।
अमृतसर घूमने आने वाले यहाँ आना जरूर पसंद करते हैं। इसकी कहानी सुनते ही सबके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यह बाग 6 एकड़ जमीन में फैला हुआ है। अंग्रेजों ने भारतीयों को जो घाव दिये थे, वे इस पार्क में आज भी दिखाई देते हैं। इस पार्क के पास एक कुआं है।
10. वाघा बॉर्डर – Wagah Border
अमृतसर से 30 किलोमीटर दूर पड़ता है, वाघा बॉर्डर। यह इंडिया और पाकिस्तान को सड़क से जोड़ने वाला बॉर्डर है। वाघा बॉर्डर अपनी रिट्रीट सेरेमनी के लिए फेमस है। यह सेरिमनी 1959 में शुरू हुई थी।
इस सेरेमनी के दौरान दोनों देशों के झंडों को एक साथ उतारा जाता है, फिर दोनों देशों के जवान नम्रता के साथ हाथ मिलाते हैं, फिर दोनों देशों के गेट बंद कर दिए जाते हैं, और यहीं पर ये सेरेमनी खत्म हो जाती है।
“बताते चलें की, यदि आप ने अमृतसर घूमने का प्लान बनाया है तो, आप अमृतसर के साथ-साथ आप को पूरा पंजाब ही घूमना चाहिए। अमृतसर के अलावा पंजाब मे ओर भी बहुत सारे पर्यटक स्थल हैं, जहाँ पर आप अपनी फेमली तथा दोस्तों के साथ इन्जॉय कर सकते हैं, चलिए विस्तार से जानते हैं – पंजाब मे घूमने वाली जगह के बारे मे”
अमृतसर कैसे जाएं-
हवाई मार्ग द्वारा – अमृतसर में स्थित हवाई अड्डा श्री गुरु राम दास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा अमृतसर से 11 किलोमीटर दूर है। अमृतसर का यह हवाई अड्डा देश के सभी बड़े-छोटे हवाई अड्डो से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहाँ आप बिना किसी परेशानी के पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग द्वारा – अमृतसर का रेलवे स्टेशन अमृतसर जंक्शन है। यह रेलवे स्टेशन अमृतसर के पास है। यहाँ आप वॉक करके भी जा सकते हैं। अमृतसर जंक्शन से मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, दरभंगा, हरिद्वार, अहमदाबाद, जयपुर, हरिद्वार एवं पटना जैसे छोटे एवं बड़े शहरों से डायरेक्ट ट्रेन की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
बस मार्ग द्वारा – पंजाब के विभिन्न शहरों से आपको अमृतसर तक के लिए डायरेक्ट बस मिल जाएगी। साथ ही पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर जैसे बड़े राज्यों से भी अमृतसर के लिए बस की सुविधा प्रोवाइड कराई जाती है।
अमृतसर में कहाँ ठहरे-
दोस्तों यदि आप अमृतसर में घूमने आए हैं, और आप सोचेंगे होंगे कि हम अमृतसर में कहाँ ठहरे। तो हम आपके लिए अमृतसर के कुछ अच्छे और सस्ते होटल की लिस्ट लेकर आए हैं। इन होटल की मदद से आप अमृतसर में आसानी से रुक सकते हैं।
ये होटल हैं – रमादा बाय विंड्हाम अमृतसर, होटल अमृतसर, होटल गोल्डन स्टे, होटल पंजाबी निवास, ह्यात्त रीजेंसी अमृतसर, रैडिसन ब्लू होटल अमृतसर, ब्लू आई बैकपैकर्स, होटल ऐर्लिनेस, होटल सुखमन इंटरनेशनल, होटल राज गेस्ट हाउस, होटल रॉबिन, सिद्धू गेस्ट हाउस, पर्यटक गेस्ट हाउस आदि।
अमृतसर का फेमस खाना-
अमृतसर पंजाब का दुसरा सबसे बड़ा शहर है। पंजाब की तरह अमृतसर में भी आपको तरह-तरह के व्यंजन देखने को मिलेंगे। अमृतसर शहर में घूमने वाले सभी पर्यटक यहाँ के व्यंजन की तारीफ जरूर करते हैं। अमृतसर के खानों में आपको पंजाबी तड़का देखने को मिलेगा।
अमृतसर के कुछ फेमस व्यंजन है, जैसे- दाल मखनी, शाही पनीर, राजमा चावल, आलू पूरी, मक्के की रोटी, सरसों का साग, आलू पराठा आदि। इसी के साथ-साथ पंजाब के लोग ब्रेकफास्ट में कुल्चा, पराठा, लस्सी, छोले, हलवा पूरी, भटूरा,
मखनी, दूध, फैनी, दही, खोया अमृतसरी फिश, पालक पनीर, कढ़ी चावल, छोले चावल तंदूरी रोटी, नान, रोटी, कुल्चा और लच्छा परांठा, मक्की की रोटी, फुल्का, ज्वार की रोटी, पनीर, आलू, प्याज और कीमे का परांठा आदि।
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अमृतसर की मशहूर चीज क्या है?
अमृतसर सिख धर्म का सबसे पवित्र स्थल है, अमृतसर मे बना गुरुद्वारा जिसे स्वर्ण मंदिर कहते हैं, पूरी दुनिया मे फेमस है। स्वर्ण मंदिर के साथ-साथ अमृतसर मे भारत पाकिस्तान का सीमा बॉर्डर जो वाघा बॉर्डर के नाम से जाना जाता है, तथा जलियांवाला बाग बहुत फेमस जगह हैं।
अमृतसर कब जाना चाहिए?
वैसे तो आप अमृतसर काभी भी जा सकते हैं, लेकिन अमृतसर घूमने के लिए सबसे अच्छा समय यक्तिबर से मार्च का माना जाता है।
स्वर्ण मंदिर कितने बजे तक खुला रहता है?
श्रद्धालुओं के लिए स्वर्ण मंदिर सुबह 05:00 बजे से रात 10:00 बजे तक खुलता है।
अमृतसर के लिए कितने दिन काफी हैं?
अमृतसर घूमने के लिए बहुत सारी धार्मिक तथा एतिहासिक जगह हैं, लेकिन फिर भी यहाँ पर घूमने के लिए 2-3 दिनों का समय काफी होगा।
तो कैसा लगा आपको यह आर्टिकल ! अमृतसर से जुड़ी बातें जैसे – कहाँ रहना है? कैसे घूमना है? कहाँ जाना है? क्या खाना है? हमने इस आर्टिकल में आपको बताया है, इस जरूरी जानकारी को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें 👇